अगर आप भी लोन लेने या क्रेडिट कार्ड बनवाने की सोच रहे हैं और CIBIL Score को लेकर चिंतित रहते हैं, तो आपके लिए राहत भरी खबर है। हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसले में हाईकोर्ट ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि सिर्फ CIBIL Score के आधार पर किसी आवेदन को नकारा नहीं जा सकता।
यह फैसला उन लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत है जिनका स्कोर किसी तकनीकी गलती, पुराने डेटा या असंगत रिपोर्टिंग के कारण कम हो गया था।
क्या कहा हाईकोर्ट ने?
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि बैंकों को लोन एप्लिकेशन रिजेक्ट करने से पहले आवेदक को अपना पक्ष रखने का मौका देना होगा। केवल CIBIL Score को आधार बनाकर किसी भी आवेदन को बिना नोटिस के खारिज करना न्यायिक रूप से अनुचित है।
यह फैसला तब आया जब एक याचिकाकर्ता ने यह दावा किया कि उसका CIBIL Score गलत तरीके से कम कर दिया गया और उसे कोई स्पष्टीकरण दिए बिना लोन आवेदन खारिज कर दिया गया।
CIBIL स्कोर क्या होता है और यह कैसे तय होता है?
CIBIL स्कोर एक 3-अंकों का नंबर होता है जो आपके क्रेडिट इतिहास को दर्शाता है। इसे 300 से 900 के बीच मापा जाता है। जितना ज्यादा स्कोर, उतनी ज्यादा बैंक की नजर में आपकी साख।
यह स्कोर कई घटकों पर आधारित होता है:
घटक | महत्त्व (%) |
---|---|
समय पर भुगतान (Payment History) | 35% |
क्रेडिट उपयोग (Credit Utilization) | 30% |
क्रेडिट अवधि (Length of Credit History) | 15% |
नया क्रेडिट (New Credit Inquiries) | 10% |
क्रेडिट मिक्स (Type of Credit Used) | 10% |
अब सिबिल स्कोर कम होने पर क्या हो सकेगा?
- यदि आपका लोन किसी खराब स्कोर के कारण खारिज होता है, तो आपको लिखित कारण और रिपोर्ट देनी होगी
- आप बैंक से डेटा सुधार की मांग कर सकते हैं
- यदि बैंक स्पष्टीकरण नहीं देता, तो आप उपभोक्ता फोरम या बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं
- कोर्ट के अनुसार, यदि तकनीकी त्रुटि से स्कोर कम हुआ है, तो बैंक को जांच कर पुनः निर्णय लेना होगा
यह फैसला क्यों है महत्वपूर्ण?
देश में लाखों लोग ऐसे हैं जो EMI पर चलने वाले प्रोडक्ट्स, क्रेडिट कार्ड्स, पर्सनल लोन आदि पर निर्भर हैं। सिबिल स्कोर में छोटी सी गिरावट भी इन सुविधाओं से वंचित कर सकती है। अब कोर्ट के फैसले के बाद, बैंक को पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता से करनी होगी।
क्या करें यदि आपका स्कोर कम है?
- अपनी क्रेडिट रिपोर्ट https://www.cibil.com से फ्री में डाउनलोड करें
- किसी भी गलती को रिपोर्ट करें और सुधार की प्रक्रिया शुरू करें
- EMI समय पर भरें
- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल 30% के अंदर रखें
- अगर पुराना लोन खत्म हो गया है, तो उसका क्लोजर अपडेट करवाएं
निष्कर्ष
अब सिर्फ सिबिल स्कोर खराब होने के आधार पर आपका सपना अधूरा नहीं रहेगा। हाईकोर्ट के इस आदेश से बैंकों को जवाबदेह बनाया गया है और उपभोक्ताओं को उनका अधिकार मिला है। अगर आपने समय पर भुगतान किया है और फिर भी आपका स्कोर कम दिखाया जा रहा है, तो अब आप कानूनी सहायता भी ले सकते हैं।
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